Varuthini Ekadashi 2025 Date: उपवास, व्रत कथा और पूजन विधी

Varuthini Ekadashi 2025 Date

वरूथिनी एकादशी 2025 तिथि महज एक तिथि नहीं है, बल्कि भक्तों के जीवन में एक बहुत ही पवित्र और शुभ दिन है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है तथा व्रत रखकर आत्मशुद्धि प्राप्त की जाती है। यह दिन पूरे भारत में, विशेषकर हिंदुओं के बीच विशेष महत्व रखता है। तो आइए जानते हैं वरूथिनी एकादशी की पूरी जानकारी – तिथि, पारंपरिक महत्व, पूजा विधि, धार्मिक कथा और आधुनिक जीवन में इसकी प्रासंगिकता।

वरुथिनी एकादशी 2025 कब है? (Varuthini Ekadashi 2025 Kab Hai?)

वर्ष 2025 में Varuthini Ekadashi 2025 Date तिथि 26 अप्रैल 2025 दिन शनिवार को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि 26 अप्रैल को सुबह 3:49 बजे शुरू होगी और 27 अप्रैल को सुबह 5:02 बजे समाप्त होगी। तदनुसार, 26 तारीख को व्रत और पूजा करना सबसे उपयुक्त माना जाता है।

इस दिन भक्त विभिन्न प्रकार के उपवास रखते हैं – कुछ फल खाते हैं, कुछ पूर्ण उपवास रखते हैं और कुछ केवल पानी पीते हैं। यह दिन भक्ति और धैर्य के साथ बिताया जाता है।

वरूथिनी एकादशी का धार्मिक महत्व एवं कथा (Religious significance and story of Varuthini Ekadashi)

‘वरुथिनी’ शब्द का अर्थ है ‘रक्षक’। यह एकादशी बुराई, नकारात्मक विचारों और पापों से रक्षा करने वाली मानी जाती है। भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से कहा कि जो भक्त वरूथिनी एकादशी का व्रत पूरे मन से करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस एकादशी से संबंधित एक कथा प्रसिद्ध है – राजा मान्धाता ने अपनी प्रजा पर अन्याय किए बिना धर्मानुसार राज्य चलाया। ऐसा माना जाता है कि एक बार उन्होंने वरूथिनी एकादशी का व्रत रखा और इससे उनके पूर्वजों को मुक्ति मिली। यह कहानी हमें उपवास की शक्ति का एहसास कराती है।

Varuthini Ekadashi 2025 Date:एकादशी व्रत एवं पूजन के बारे में विशेष जानकारी
Varuthini Ekadashi 2025 Date:एकादशी व्रत एवं पूजन के बारे में विशेष जानकारी

इस दिन पालन किये जाने वाले नियम (Rules to be followed on this day)

  1. Varuthini Ekadashi 2025 Date कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है:
  2. उपवास के दौरान प्याज, लहसुन, मांसाहारी भोजन, शराब या अन्य खाद्य पदार्थों से बचें।
  3. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
  4. पूर दिन ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
  5. धार्मिक ग्रंथ पढ़ना चाहिए या श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।
  6. शाम को तुलसी के सामने दीपक जलाएं और शांतिपूर्वक दिन का समापन करें।
  7. इन नियमों का पालन करने से आध्यात्मिक उन्नति में मदद मिलती है और मन को शांति मिलती है।

पूजा विधि और उपाय (Puja methods and solutions)

  • इस दिन सरल किन्तु हृदय से की गई पूजा महत्वपूर्ण है। पूजा के लिए निम्नलिखित चीजें आवश्यक हैं:
  • भगवान विष्णु की मूर्ति या फोटो
  • तुलसी के पत्ते, फूल, गंध, सुगंध
  • ताज़ा पानी, गंगाजल (यदि उपलब्ध हो)
  • दीपक और धूपबत्ती

पूजा विधि:

सबसे पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा की शुरुआत में “ॐ विष्णवे नमः” का जाप करें। फिर, मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक करें, फूल चढ़ाएं और सहस्रनाम का पाठ करें। अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।

आधुनिक जीवन में एकादशी का महत्व (Importance of Ekadashi in modern life)

हमारे तनावपूर्ण जीवन में मानसिक शांति और आध्यात्मिक शुद्धता की बहुत आवश्यकता है। Varuthini Ekadashi 2025 Date तिथि हमें यह अवसर देती है। इस दिन व्रत रखने से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है बल्कि शारीरिक लाभ भी मिलता है:

  • पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
  • मन शांत हो जाता है और चिंता कम हो जाती है।
  • आत्मनिरीक्षण का अवसर प्रदान करता है

यह एकादशी एक सुंदर डिटॉक्स विकल्प है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

पारणा कब करना चाहिए?

एकादशी व्रत का नियम यह है कि व्रत को अगले दिन उचित समय पर समाप्त किया जाए। वर्ष 2025 में वरूथिनी एकादशी का पारण 27 अप्रैल को प्रातः 5:48 बजे से प्रातः 8:30 बजे तक किया जा सकता है। उपवास के दौरान भोजन में सात्विक खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही और फल शामिल करने चाहिए।

निष्कर्ष – भक्ति और पवित्रता का त्योहार

वरुथिनी एकादशी Varuthini Ekadashi 2025 Date तिथि कैलेंडर पर सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि यह दिन प्रत्येक भक्त के लिए आत्म-शुद्धि, भक्ति, धैर्य और मोक्ष की ओर एक कदम है। इस दिन सच्चे मन से व्रत और पूजा करने से जीवन में सकारात्मकता और खुशियां बढ़ती हैं। यह व्रत हमें नैतिकता, धैर्य और विश्वास सिखाता है – जो हमारे जीवन का आधार बन सकता है।

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